Menu
blogid : 12800 postid : 1127638

केजरीवाल के ओड – इवेन फार्मूले का सच क्या है

rastogikb
rastogikb
  • 46 Posts
  • 79 Comments

दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा लाया जा रहा ओड – इवेन फार्मूला एक तरह से इस कहावत को चरितार्थ करता है कि ” हरड़ लगे न फिटकरी रंग चोखा आए।  अगर सरकार  दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना चाहती है तो तथ्यों पर आधारित एक ऐसी प्रणाली को लागु करना होगा जिससे  जनता महसूस करे कि सरकार वास्तव में दिल्ली को प्रदूषण मुक्त  करने के लिए कृतसंकल्प है।  लेकिन जिस तरह से आप पार्टी और केजरीवाल रेडियो , टीवी  पर अपना प्रचार कर रहे हैं उससे तो यही लगता है जैसे कोई इलेक्शन कैंपेन चलाया जा रहा है।

दिल्ली की सड़को से वाहन को कम करने के लिए एक कठोर कदम उठाना पड़ेगा और वह है वाहनो को फाइनेन्स स्कीम के तहत बेचा या ख़रीदा नहीं जा सकता।  यानि की खरीदार अगर एक 45,00,000 /- लाख की कार खरीदने जायेगा तो उसे 45,00,000 /- लाख रूपये एक मुश्त भुगतान करना होगा।  होगा यह कि इतनी बड़ी रकम भुगतान करना लोगो के लिए आसान नहीं होगा।  आज के हालात यह हैं कि एक 15000 /- से 20000 /- की तनख्वाह लेने वाला भी एक छोटी – मोटी  कार तो  खरीद ही लेता है।

अब सवाल उठता है कि सरकार ऐसी पॉलिसी  बनाती  क्यों नहीं ; तो सच यह है कि सरकार वाहनो की खरीद फरोख्त से अपनी आमदनी को कम नहीं करना चाहती।

अभी जल्दी में मेरे एक परिचित ने नॉएडा में ऑडी कार  45,00,000 /- लाख की खरीदी।  जिस पर सरकार को वैट एवं रोड टैक्स टैक्स के रूप में लगभग 10 लाख रूपये मिले।  अभी एक्साइज ड्यूटी इसके अतिरिक़्त है।  सोंचने की बात है कि कितना बड़ा रेवेन्यू सरकार को केवल एक कार से प्राप्त होता है।

दूसरी तरफ जब कार सड़क पर चलेगी तो पेट्रोल/ डीजल के टैक्स रूप में अलग कमाई होगी।  तीसरा एम्प्लॉयमेंट पर भी फर्क पड़ेगा।  वह घटेगा।  एक तरह से देश के जीडीपी पर फर्क पड़ेगा।  यह तो नुकसान है इस स्कीम को अपनाने में लेकिन फायदे भी हैं कि एक तो सड़क पर से वाहनो का  बोझ कम हो जायेगा।  दूसरा हमारी तेल की खपत भी कम होगी जिसके कारण विदेशी मुद्रा भी बाहर कम जाएगी।

अब आते हैं केजरीवाल के ओड – इवेन फार्मूले के मुद्दे पर , तो कुछ पॉइन्ट यहाँ पर ध्यान देने योग्य हैं।

1. दिल्ली  में 10000  नए थ्री व्हीलर के लिए लाइंसेस जारी किये हैं अब इन पर मिलने वाली  लाइसेंस फी , वैट , रोड टैक्स से अतिरिक्त कमाई होगी।  यानि कि अगर एक ऑटो पर अगर 100000 /-   रूपये लाइंसेन्स  के और टैक्स के मिलते हैं तो 100 करोड़ की आमदनी तो केवल ऑटो से हो हो जाएगी। मतलब  सरकार की जेब से तो कुछ गया नहीं कमाई मुफ्त में।  इसे कहते हैं  हरड़ लगे न फिटकरी रंग चोखा आए।

2 . यह भी पता लगा है कि जो 10000  नये थ्री व्हीलर के लिए लाइसेंस जारी किये जा रहे हैं वह बजाज कम्पनी के लिए ही हैं।  यानि कि  एक विशेष कम्पनी पर इस तरह की दरियादिली क्यों ?. जबकि हर समय अडानी एवं अम्बानी के खिलाफ भाषण बाजी करते रहे हैं केजरीवाल और अब बजाज पर मेहरबानी का अर्थ क्या है।

3 . इसी तरह से 3000 बसो को भी परमिट दिए जा रहे हैं उनसे  जाने कितने करोड़ कमाई होगी।

4 . अब सवाल उठता है कि अगर इनकी स्कीम फेल हो गई जिसका अंदाजा इन्हे खुद है तब क्या इन अतिरिक़्त थ्री व्हीलर और बसो के लाइसेंस कैंसिल किये जायेंगे , शायद नहीं।    यानि कि करोड़ो की कमाई मुफ्त में हो जाएगी ।

5. एक प्रश्न और हम जब कार इस कोई वाहन खरीदते हैं तब सरकार रोड टैक्स , रोड पर वाहन चलाने के लिए हमसे वसूलती है।  अब जब हम साल में आधे दिन ही अपना वाहन चला पाएंगे तो क्या आधा रोड टैक्स वह वापस करेगी।  एक केस इस मुद्दे पर भी कोर्ट में चलना चाहिए।

आज ही न्यूज में पढ़ा कि एक आदमी का  आफिस जाते समय ट्रेफिक पुलिस ने चालान काटा , ट्रेफिक पुलिस अधिकारी ने ही बताया कि उसे इस नियम की जानकारी थी परन्तु  उसके पास आफिस जाने के लिए अन्य कोई विकल्प नहीं है क्योकि वह  नॉएडा में पारी चौक पर रहता है  और वहां से दिल्ली के लिए परिवहन का कोई सुगम मार्ग नहीं है।

यही समस्या दिल्ली एवं  उसके आस-पास रहने वालो के साथ है।  हर व्यक्ति दिल्ली की ट्रेफिक समस्या से जूझ रहा है।  लेकिन उसकी मजबूरी है कि बिना अपने वाहन के वह अपने गंतव्य स्थान पर कैसे पहुंचे।  जब से मेट्रो चली है लाखो लोग इस ट्रेफिक से बचने के लिए नजदीकी मेट्रो स्टेशन पर अपनी गाड़ी खड़ी  करके मेट्रो से सफर कर रहे हैं।

सच बात यह है कि यह एक तरह का  तुगलकी फरमान  है और इससे  आम जनता का कोई भला नहीं होगा वल्कि आम जनता को आम आदमी पार्टी त्रस्त करती नजर आ रही है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh